| 11. | न्यासिता का मेरा सिद्धांत कोई कामचलाऊ सिद्धांत नहीं है-निश्चित रूप से यह कोई छद्मावरण नहीं है।
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| 12. | मैं अपने न्यासिता के सिद्धांत पर दृढ़ हूँ, भले ही लोगों ने इसकी जमकर खिल्ली उड़ाई हो।
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| 13. | 1. न्यासिता (ट्रस्टीशिप) समाज की वर्तमान पूंजीवादी व्यवस्था को समतावादी व्यवस्था में रूपांतरित करने का एक साधन है।
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| 14. | न्यासिता पूंजीवाद को बख़्शती नहीं है, पर वह वर्तमान मालिक वर्ग को सुधार का एक अवसर प्रदान करती है।
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| 15. | निदेशक बोर्ड की प्राथमिक भूमिका शेयर घारकों मूल्यों का संरक्षण एवं संवर्धन करने के लिए न्यासिता की है ।
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| 16. | गाँधीजी का न्यासिता (ट्रस्टीशिप) संबंधी सिद्धांत मुझे आज के दौर में काफी प्रासंगिक और सबसे क्रांतिकारी आर्थिक सिद्धांत लगता है।
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| 17. | (हाँ, यदि आप धर्म को उस नज़रिये से देख सकें, जिससे मैं देखता हूं तो आप न्यासिता को धर्म से जोड़ सकते हैं।)
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| 18. | यूक्लिड द्वारा की गई बिन्दु की परिभाषा की तरह पूर्ण न्यासिता भी एक अमूर्त विचार है और इसे प्राप्त करना भी उतना ही असंभव है।
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| 19. | अब मैं न्यासिता संबंधी अपने उस व्यावहारिक मॉडल की अवधारणा आपके समक्ष रखने जा रहा हूँ, जिसका प्रस्ताव मैंने इससे संबंधित पिछली पोस्टों में किया था।
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| 20. | गांधी जब न्यासिता या श्रम की व्याख्या करते हैं तो वह मार्क्स के करीब आ जाते हैं लेकिन कहीं भी वह हिंसक क्रांति की बात नहीं करते।
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