| 11. | पंडितराज जगन्नाथ उच्च कोटि के कवि, समालोचक तथा शास्त्रकार थे।
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| 12. | रसगंगाधर में पंडितराज ने तीन काव्य लक्षणों को प्रस्तुत किया है।
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| 13. | पंडितराज का काव्य लक्षण आपनी व्यापकता के कारण आज भी ग्राह्य है।
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| 14. | भामिनीविलास (पंडितराज शतक) उनका परम प्रसिद्ध मुक्तक कविताओं का संकलन ग्रंथ है।
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| 15. | पंडितराज ने रस के स्थान पर रमणीयता शब्द का प्रयोग किया है।
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| 16. | सूर्य-विज्ञान तंत्र के विषय में पंडितराज गोपीनाथ जी ने अनेक भाषाओं में
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| 17. | पंडितराज ने अपने पिता से ही अधिकांश शास्त्रों का अध्ययन किया था।
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| 18. | कविता की इसी रमानेवाली शक्ति को देखकर जगन्नाथ पंडितराज ने रमणीयता का
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| 19. | पंडितराज ने अपने पिता से ही अधिकांश शास्त्रों का अध्ययन किया था।
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| 20. | यह, पंडितराज को अप्रिय लगने वाला किंतु महाराज का कृपापात्र, तेनाली का
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