यह वातावरण, जिसमें एक साथ बहुत चीजें घटित हो रही हैं, की बारीकियों को सम्पूर्णता में पकड़ने की कोशिश करना यही एहसास दिलाता है कि दृश्य-श्रव्य कला का इससे बड़ा उत्स कुछ और नहीं हो सकता है और जिसने भी इसे संपूर्णता में पकड़ने की कोशिश की है वह बड़ा कलाकार हुआ है, और साथ ही साथ उस वातावरण में उपस्थित चरित्र (अभिनेता / अभिनेत्री), जो कि लंबे समय तक के लिए सहजता की मांग करता है, की सार्थकता उसके अभिनय-सामर्थ्य से तय होती है।