जिस रोज़ से पछवा चली आँधी खड़ी है गाँव में उखड़े कलश, है कँपकँपी इन मंदिरों के पाँव में।
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हवा में उड गए 25 करोड के हीरे: आयं, अरे पुरवा थी कि पछवा हवा थी जी
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हमारे हवा के देश में कोई क्षेत्र विशेष नहीं होता, मगर आदमी ने उसे भी पुरवा और पछवा हवा कहकर क्षेत्रियता में बांटने की कुत्सित कोशिश की है।
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हमारे हवा के देश में कोई क्षेत्र विशेष नहीं होता, मगर आदमी ने उसे भी पुरवा और पछवा हवा कहकर क्षेत्रियता में बांटने की कुत्सित कोशिश की है।
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' पुरवइया चले या पछवा मुसलमान को तो सिर्फ मदीनेवाली हवा के प्रति श्रद्धाभाव है इसलिए आजादी के पहले के भी तमाम नायकों ने मुस्लिम राजनीति के इस मर्म को समझा।
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शाश्वत सच की तरह पछवा हवा नकली दवा की तरह, क्रिकेट चलेगा तो, बलात्कार की खबरें बंद रहेंगी और प्रलय की ओर बढ़ती धरती फिर से जी उठेगी एक जोरदार छक्का लगेगा और एक संझा चूल्हा, दोनों टाइम जलने लगेगा,
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जैसे मेघों की काली-काली घटाएँ उठती है और ऐसा प्रतीत होता है कि अब जल-थल एक हो जाएगा, परन्तु अचानक पछवा वायु चलने के कारण सारी घटा काई की भाँति फट जाती है, उसी प्रकार इस समय माधवी की गति हो रही है।
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पछवा हवा में इस तबाही का ग्राफ और बड़ा होता लेकिन ग्रामीण ने एक साथ कई पम्प सेट चलाकर आग बुझाने की शुरुआत बड़ी तेजी से की, नतीजतन आग दूसरे गाँव में नहीं फ़ैल सकी. वैसे आग बुझने-बुझने पर थी तब अग्निशमन दस्ता भी वहाँ पहुंचा और मुस्तैदी से राख से उठ रहे धुएं को पानी की बौछार से शांत किया.
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बांचा जाएरॉंग नंबर प्लीज: चाहिए कि, लग गया जीक्या आपको याद था: माने हां कह देंगे तो मान जाइएगा क्याहवा में उड गए 25 करोड के हीरे: आयं, अरे पुरवा थी कि पछवा हवा थी जीजो बदलाव चाहते हैं, उन्हें ही कुछ करना होगा: और इसके लिए पहले इस पोस्ट को पढना होगावर्डप्रेस ब्लॉग या साइट में विजेट जोडना: इहां रतन भाई के पोस्ट पर सीखें, विधिवत रेसिपी हैजरा खबर की खबर भी ली जाए: और ऐसी कि वो खुद खबर बन जाएक्या हमारी मीडिया भटक गई है:&