तो हक़ (यथार्थ) को छोड़ने के बाद खुली हुई गुमराही (पथ भ्रष्टता) और बयाने हक़ीक़त (सत्य क़थन) के नज़र अन्दाज़ किये जाने के बाद सरासर फ़रेबकारी (धोकाधड़ी) के सिवा और है ही क्या।
12.
“ तुम मेरी सुन्नत और मेरे बाद हिदायत से सम्मानित खुलफा-ए-राशिदीन की सुन्नत का पालन करो, उसे मज़बूती से पकड़ लो, और उसे दांतों से जकड़ लो, और (दीन में) नयी पैदा कर ली गई चीज़ों से बचो, क्योंकि (दीन के अंदर पैदा कर ली गई) हर चीज़ बिद्अत है और हर बिद्अत गुमराही (पथ भ्रष्टता) है।
13.
“ यह काम लोग करते हैं, इससे वे अल्लाह की निकटता प्राप्त करने और उसकी उपासना का इरादा रखते हैं, और हर वह काम जिस से आप अल्लाह की निकटता प्राप्त करना और उसकी उपासना करना चाहते हैं, और उसका शरीअत में कोई आधार नहीं है तो वह बिद्अत (नवाचार) है, उससे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने सावधान किया है, आप ने फरमाया: “ तुम दीन में नवाचार (नयी ईजाद कर ली गई चीज़ों) से बचो, क्योंकि हर बिद्अत गुमराही (पथ भ्रष्टता) है।