देखिए, नागसेन जी नभाता मंच के माध्यम से हम आप विचारों के आदान प्रदान के माध्यम से परिचित हुए है मेरे पास तो ग़लतियों का भंडार है ही, आप मात्र हम्ररी ग़लतियो की ओर संकेत कर देते व अधिकतम इतना भी कह देते की हम चाहे तो इसके लिए खेद प्रकट कर दे, माफी माँग ले! बस, इतना काफ़ी था, अब आप कहे “ शर्त हीन ” माफी मांगिए नही तो हम आपका परदाफ़ाश कर देंगे! यह धमकी शालीनता के विरुद्ध है!