जब जड़ों की अत्यधिक मोटाई वल्कुट को विदीर्ण कर देती है, तब वल्कुट की आंतरिक सतह परिरंभ (pericycle) या द्वितीयक फ्लाएम में कार्क (cork) बनती है।
12.
पूर्णिमा-परिरंभ से मधुरिम बनी इस यामिनी में, आज अम्बर में, किरण बन, संतरण मैं कर रहा हूँ.युग-युगांतर से गगन जो शून्य बन,अवसन्न सा था,आज उसकी रिक्तता, आनंद से मैं भर रहा हूँ.
13.
यहाँ रचना-समस्या यह है कि छायावाद की सांकेतिक शैली में संयोग-चित्र, उदाहरण के लिये आँसू का प्रसंग परिरंभ कुम्भ की मदिरा / निश्वास मलय के झोंके, जहाँ कल्पना को उद्दीप्त करते हैं, वहाँ सीधी-सादी भाषा में शरीर के चित्र, शरीर को ही स्पर्श करते हैं।
14.
कैसा सुंदर दृश्य! ऊपर पुष्पक विमान में मेघ श्याम रामचंद्र और धवल-शीला जानकी चौदह साल के वियोग के पश्चात अयोध्या में पहुंचने के लिए अधीर हो उठे हैं और नीचे इंदीवर-श्यामा कालिंदी और सुधा-जला जाह्न्वी एक दूसरे का परिरंभ छोड़े बिना सागर में नामरूप को छोड़कर विलीन होने के लिए दौड़ रही है।
15.
उदाहरण के लिए यदि पृष् ठ 109 पर ‘ अनेक नारी परिरंभ संभ्रमम् ' को देखें तो दृष् टि किसी गोपिका के उन्मुक् त उरोज और पृथुल नितंब पर फोकस होने के बजाय कृष् ण और गोपियों की आलिंगन मुद्रा और कृष् ण के किंचित खुले होंठों और किंचित निमीलित नेत्रों पर जाती है।
16.
इसी मधुमयी प्रवृत्ति के अनुरूप प्रकृति के अनंत क्षेत्र में भी वल्लरियों के दान, कलिकाओं की मंद मुस्कान, सुमनों के मधुपात्र पर मँडराते मलिंदों के गुंजार, सौरभहर समीर की झपक लपक, पराग मकरंद की लूट, उषा के कपोलों पर लज्जा की लाली, आकाश और पृथ्वी के अनुरागमय परिरंभ, रजनी के ऑंसू से भीगे अंबर, चंद्रमुख पर शरद्धन के सरकते अवगुंठन, मुधाुमास की मधुवर्षा और झूमती मादकता इत्यादि पर अधिक दृष्टि जाती थी।