पर्पटीमय लाइकेन अपने द्वारा निर्मित अम्लों की सहायता से चट्टानों के लावों को अपने अवशिष्ट के साथ मिलाकर एक प्रकार की मिट्टी बनाते हैं, जो हरिता के बीजाणु के लिए अभिजनन स्थान बनता है और फिर पुष्पीय वनस्पतियों से इसका उपनिवेशन हो जाता है।
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पर्पटीमय लाइकेन अपने द्वारा निर्मित अम्लों की सहायता से चट्टानों के लावों को अपने अवशिष्ट के साथ मिलाकर एक प्रकार की मिट्टी बनाते हैं, जो हरिता के बीजाणु के लिए अभिजनन स्थान बनता है और फिर पुष्पीय वनस्पतियों से इसका उपनिवेशन हो जाता है।