| 11. | (यहेज 4: 6) नरसिंगों के पर्व की भविष्यवाणी यीशु के स्वर्गीय पवित्रस्थान में 1844 ई.
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| 12. | 22 अक्तूबर अर्थात् पवित्र साल के अनुसार 10 जुलाई, प्रायश्चित्त के दिन स्वर्गीय पवित्रस्थान में प्रवेश किया।
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| 13. | यह इस तथ्य को दिखाता है कि परम पवित्रस्थान की असलियत स्वर्गीय यरूशलेम है जो भविष्य में प्रकट होती है।
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| 14. | जब सुलैमान ने पवित्रस्थान का निर्माण किया, उसने परम पवित्रस्थान की लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई को एक समान बनाया।
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| 15. | जब सुलैमान ने पवित्रस्थान का निर्माण किया, उसने परम पवित्रस्थान की लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई को एक समान बनाया।
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| 16. | सबसे प्राचीन पवित्रस्थान, विमलवाशीमन्दिर है, जिसका निर्माण एक गुजराती व्यापारी विमलशाह के द्वारा किया गया था जो प्रथम तीर्थंकर को समर्पित था।
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| 17. | 1 याह की स्तुति करो! ईश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसी की स्तुति करो!
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| 18. | परम पवित्रस्थान में महायाजक वर्ष में एक बार प्रवेश कर सकता था, और वह लहू के बिना प्रवेश नहीं कर सकता था।
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| 19. | वे हर महीने फलते रहेंगे क्योंकि उनको सींचने वाला पानी पवित्रस्थान से बहता है, उनके फल भोजन के लिए और पत्ते चंगाई के लिए काम आएंगे।
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| 20. | जो यरूशलेम में प्रवेश करने का विशेष अधिकार और योग्यता रखते हैं, वे अनन्त जीवन का वादा पाते हैं, क्योंकि यरूशलेम ही परम पवित्रस्थान की असलियत है।
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