बेशक (बकौल मंत्री, पर्यावरण) कुछ हिमनद (हिमालय क्षेत्र से) पश्चगमन कर रहें हैं (रिसीद) कर रहें हैं, लेकिन कुछ और जैसे सियाचिन ग्लेसिअर आगे की और बढ़ रहें हैं, यानी विस्तार पा रहें हैं सिकुड़ नहीं रहें हैं, जबकि कुछ और जैसे की गंगोत्री ग्लेसियर का पश्चगमन (रिसीद करना) अब कमतर हुआ है गत दो दशकों की तुलना में ।
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बेशक (बकौल मंत्री, पर्यावरण) कुछ हिमनद (हिमालय क्षेत्र से) पश्चगमन कर रहें हैं (रिसीद) कर रहें हैं, लेकिन कुछ और जैसे सियाचिन ग्लेसिअर आगे की और बढ़ रहें हैं, यानी विस्तार पा रहें हैं सिकुड़ नहीं रहें हैं, जबकि कुछ और जैसे की गंगोत्री ग्लेसियर का पश्चगमन (रिसीद करना) अब कमतर हुआ है गत दो दशकों की तुलना में ।