पहेली संख्या 82 में आपको हिन्दी में लिखी गयी पहली लधुकथा के लेखक को पहचानना
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प्रिय ब्लॉग मित्रो, पहेली संख्या-३ के साथ हम फिर प्रस्तुत हैं.
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पहेली संख्या 74 में आपको इन पंक्तियों को लेखन से जुडे राजकवि को पहचानना था
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तो आप दीजिये सही और सबसे पहले उत्तर और बन जाइये पहेली संख्या-३ के विजेता. शुभकामनायें.
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पहेली संख्या 71 में ‘ ओम जय जगदीश की आरती ' के रचयिता का नाम पूछा गया था जो है पंडित श्रध्दाराम शर्मा जी ।
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इस बार की पहेली संख्या 59 में एक गीत के रचयिता का नाम पूछा गया था जिसका संकेत इन पक्तियों में छिपा था इसे ही प्रसाद ‘ अमर जागरण ' कहा करते थे।
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पहेली संख्या 73 में आपको पता लगाना है आपको पता लगाना था कि ये चार पक्तियां किसी एक गजल के ही दो शेर हैं या दो अलग अलग गजलों के दो पृथक पृथक शेर है।
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साहित्य पहेली संख्या 62 के महान लेखक का नाम है ' श्री उपेन्द्रनाथ अश्क जी '! जिनके संबंध में आदरणीय दर्शन लाल जी वावेजा द्वारा अपने उत्तर में यह विस्तृत जानकारी भी दी है कि
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पहेली संख्या ३ ४ के सही उत्तर के लिए सुभद्रा जी की कविता ही यहाँ प्रस्तुत है और यही साक्षी है सत्यम जी के उत्तर के सही होने की-कविता यह है जिससे वे पंक्तियाँ उद्धृत की गयी हैं-
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' सम्मानित चिट्ठाकारों, पहेली संख्या १०३ के विजेता हैं-“अरुण शर्मा 'अनंत 'जी, जिनका उत्तर विकिपीडिया से मुंशी प्रेम चंद जी के कहानी संग्रह “सोजे वतन “के विषय में दिया गए गद्यांश से पूरी तरह से मिलता है. (...)'