किरणावली प्रशस्तपाद भाष्य की बहुत प्रौढ़ व्याख्या हें इसमें वैशेषिक के सिद्धान्तों को बड़े पाण्डित्यपूर्ण ढंग से स्पष्ट किया गया है।
12.
आचार्य हेमचंद्रके काव्यमें संस्कृत बृहत्त्रयीके पाण्डित्यपूर्ण चमत्कृत शैली है, भट्ठिके अनुसार व्याकरणका विवेचन, अश्वघोषके अनुसार धर्मप्रचार एवम् कलहण के अनुसार इतिहास है।
13.
अभिनवगुप्त ने उक्त सभी मतों का खण्डन पाण्डित्यपूर्ण रीतियों से करते हुए अन्त में ‘तत्त्वज्ञान ' को शान्त रस का स्थायी भाव माना।
14.
और होगा भी नहीं-आप समझते हैं कि नया चिठेरा इस प्रकार की पाण्डित्यपूर्ण सलाह को सुनेगा-ठेंगे पर रखेगा उसे!
15.
आचार्य हेमचंद्रके काव्यमें संस्कृत बृहत्त्रयीके पाण्डित्यपूर्ण चमत्कृत शैली है, भट्ठिके अनुसार व्याकरणका विवेचन, अश्वघोषके अनुसार धर्मप्रचार एवम् कलहण के अनुसार इतिहास है।
16.
अभिनवगुप्त ने उक्त सभी मतों का खण्डन पाण्डित्यपूर्ण रीतियों से करते हुए अन्त में ‘ तत्त्वज्ञान ' को शान्त रस का स्थायी भाव माना।
17.
पाण्डित्यपूर्ण अवरोधों से कानून को दूशित करना और भूलना कि सब कानूनों का कानून हमारी संवैधानिक व्यवस्था का व्याकरण लोगों का कल्याण से मुंह मोड़ना है ।
18.
हिन्दू धर्म का पाण्डित्यपूर्ण दर्शन और बौद्ध धर्म का विशाल ह्दय दोनों जब तक पृथक पृथक रहेंगें, भारत का पतन अवश्यंभावी है, दोनो के सम्मिलन से ही भारत का कल्याण सम्भव है ।
19.
यह सही है कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह त्वरित अन्वीक्षण सुनिश्चित करे और राज्य में न्यायपालिका शामिल है किन्तु बजाय पाण्डित्यपूर्ण के वास्तविक तथा व्यावहरिक विचारधारा इस प्रकार के मामलों में अपनायी जानी चाहिए ।
20.
और होगा भी नहीं-आप समझते हैं कि नया चिठेरा इस प्रकार की पाण्डित्यपूर्ण सलाह को सुनेगा-ठेंगे पर रखेगा उसे! बन्धु, वह सुनेगा तो केवल अपनी हिटास (ब्लॉग पर मिलने वाली हिट्स की अदम्य इच्छा) की डिमाण्ड को.