अनशन समाप्ति के बाद जुलाई 2002 में वे पूर्व अनुसूचित जाति-जनजाति आयुक्त श्री बी डी शर्मा के साथ परियोजना प्रभावित क्षेत्र जीराबाद (धार) में एक सप् ताह से अधिक तक रहे तथा परियोजना प्रभावितों को लाभ दिलवाने हेतु उनकी पात्रता निर्धारण में सहयोग दिया।
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श्री आज़म खाॅं ने बताया कि इस नयी नियमावली के तहत ऐसे छात्र-छात्रायें जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं और जिन्हें किसी संस्था या सम्भ्रांत व्यक्ति द्वारा ‘ एडाॅप्ट ' कर लिया गया है वे योजना का लाभ उठाने के लिये पात्र होंगे और संस्था / सम्भ्रांत व्यक्ति की आय उनकी पात्रता निर्धारण के लिये आधार नहीं समझी जायेगी।
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25 अक्तूबर को तत्कालीन सिंचाई सचिव सुवर्द्धन की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि टिहरी बांध विस्थापितों की पात्रता निर्धारण, प्रतिकर भुगतान की स्वीकृति, कृषि-आवासीय भूखंडों के आवंटन और परिवर्तन की स्वीकृति का कार्य पुनर्वास निदेशक शासन से अनुमोदन प्राप्त करने के उपरांत ही करें, लेकिन नियमों और आदेश को ताक पर रखकर नगर के नई टिहरी, बौराड़ी चौराहे, सी ब्लाक, मोलधार, ढुंगीधार आदि स्थानों पर भूखंड आवंटन और परिवर्तन किए गए हैं।