किसी भी जीव के पित्रागत लक्षण और परिवेश की अंतक्रियाओं के फलस्वरूप उसकी वृद्धि और परिवर्धन होता है।
12.
जोहानसेन ने सन् १ ९ ११ में जीवों के बाह्य लक्षणों (फ़ेनोटाइप) तथा पित्रागत लक्षणों (जीनोटाइप) में भेद स्थापित किया।
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अतः पित्रागत लक्षण जीवों के ' प्रतिक्रया के मानदंड' (नार्म ऑव रिऐक्शन) अर्थात् परिवेश के प्रति उनकी प्रतिक्रिया (रेस्पांस) के ढंग का निधार्रण करते हैं।
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अतः पित्रागत लक्षण जीवों के ' प्रतिक्रया के मानदंड' (नार्म ऑव रिऐक्शन) अर्थात् परिवेश के प्रति उनकी प्रतिक्रिया (रेस्पांस) के ढंग का निधार्रण करते हैं।
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अतः पित्रागत लक्षण जीवों के ' प्रतिक्रया के मानदंड ' (नार्म ऑव रिऐक्शन) अर्थात् परिवेश के प्रति उनकी प्रतिक्रिया (रेस्पांस) के ढंग का निधार्रण करते हैं।