7. चन्द्र की महादशा के पूर्ण शुभ फल प्राप्त करने के लिये चन्द्र रत्न मोती अवश्य धारण करना चाहिए.
12.
धन उधार लेकर या किसी ओर के धन से वस्तु खरीद कर दान करने पर पूर्ण शुभ फल नहीं मिलते है.
13.
धन उधार लेकर या किसी ओर के धन से वस्तु खरीद कर दान करने पर पूर्ण शुभ फल नहीं मिलते है.
14.
राहु केतु के बीच में आ जाने के कारण शेष सातों ग्रहों की शक्ति कमज़ोर पड़ जाती है जिससे वह अपना पूर्ण शुभ फल नहीं दे पाते हैं.
15.
क्या अनुपम थी वो प्रथम परिचय कि वेला विकस उठे थे ह्रदय उपवन में जूही चंपा अरु बेलारूप माधुरी अतिमधुर तुम्हारी मधुकर नयन हुए थे हृदयस्थित कामना को पूर्ण शुभ परिणाम मिले थे एहो प्राणसखी! मम
16.
उसे देवकी के पुत्रजनन के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करना चाहिए, जिसमें जल से पूर्ण शुभ पात्र, आम्रदल, पुष्पमालाएँ आदि रखना चाहिए, अगरु जलाना चाहिए और शुभ वस्तुओं से अलंकरण करना चाहिए तथा षष्ठी देवी को रखना चाहिए।
17.
स यदि 5 मई को शुक्रास्त मान भी लें तो भी 7 मई को अक्षय तृतीया के दिन विवाह आदि शुभकार्य करने में कोई दोष नहीं है क्योंकि अक्षय तृतीया पूर्ण शुभ होने के कारण स्वयं सिद्ध मुहूर्Ÿा है।
18.
कितनी ही महान आत्मा किसी भी जीव का शरीर क्यूँ न धारण कर ले जब तक उस जीव का शरीर शुभ अनुवांशिक गुणो से परिपूर्ण नही होगा, वो महान आत्मा भी अपना पूर्ण शुभ प्रभाव नही दिखा सकती ।
19.
उसे देवकी के पुत्रजनन के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करना चाहिए, जिसमें जल से पूर्ण शुभ पात्र, आम्रदल, पुष्पमालाएँ आदि रखना चाहिए, अगरु जलाना चाहिए और शुभ वस्तुओं से अलंकरण करना चाहिए तथा षष्ठी देवी को रखना चाहिए।
20.
जिनकी कुण्डली में गुरू शुभ स्थिति में नहीं है उनके लिए गुरू का शुभ गोचर भी पूर्ण शुभ फल नहीं देता है इसलिए गुरू के शुभ फलों में वृद्धि तथा अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लाल किताब के कुछ आसान उपाय आजमा सकते हैं।