सुन्नी वक्फ़ बोर्ड अपना पक्ष मज़बूत करने के लिए इन कागज़ात को सबूत के तौर पर पेश कराना चाहता है जबकि हिंदुओं की ओर से विवादित स्थान पर दावा करने वाले निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि ये कागज़ात साक्ष्य अधिनियम के मुताबिक़ सबूत के तौर पर पेश नहीं किए जा सकते हैं.
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सुन्नी वक्फ़ बोर्ड अपना पक्ष मज़बूत करने के लिए इन कागज़ात को सबूत के तौर पर पेश कराना चाहता है जबकि हिंदुओं की ओर से विवादित स्थान पर दावा करने वाले निर्मोही अखाड़ा का कहना है कि ये कागज़ात साक्ष्य अधिनियम के मुताबिक़ सबूत के तौर पर पेश नहीं किए जा सकते हैं.
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अभियोजन पक्ष द्वारा मालखाना रजिस्ट्र को न्यायालय में पेश किया जाना चाहिए था और मालखाना मोर्हरित को बतौर गवाह पेश कराना चाहिए था, परन्तु अभियोजन पक्ष ने मालखाने से सम्बन्धित कोई रजिस्ट्र न्यायालय में पेश नहीं किया है और न ही मालखाना मोर्हरिर को बतौर गवाह पेश किया है जो यह तथ्य सिद्ध कर सकता कि अभियुक्तगण से बरामद माल सुरक्षित और सील्ड हालत में रखा गया और तथाकथित माल टेम्परड नहीं हुआ।