देवभूमि उत् तराखण् ड जहां हरिव् दार, ऋषिकेश, बद्री, केदार, गंगोत्री, जमनोत्री जैसे अनेकानेक पवित्र तीर्थस् थल होकर जब वहां तक जाने के लिए यातायात के कोई भी साधन उपलब् ध न होकर पैदल यात्रा करना पडती थी, तब से आज तक प्रतिवर्ष लाखों धर्मालुजन अपनी धार्मिक यात्रा निर्विध् न रूप से सम् पन् न करते आ रहे है।
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चूंकि अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं इसलिए राहुल की इस पूरी कोशिश को राजनीतिक कहना गलत तो नहीं होगा, मगर उनकी इस कोशिश की सराहना इस लिए भी की जा सकती है कि ऐसे में जब आज की राजनीति में छोटे छोटे नेता सिर्फ डींगें हाँकते हैं, हेलीकाप्टर में बैठ कर रैली को संबोधित करने चले जाते हैं और एयरकंडीशन कमरों में बैठ किसानों की चिंता की बात करते हैं, ऐसे में देश के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति का पैदल यात्रा करना और गाँव की खाक छनना मामूली बात नहीं है।