| 11. | ३०० से ३५० मीटर तक की गहराई में पाए जानेवाले प्राणियों में, विशेषकर मछलियों में, प्रकाशोत्पादक अंग पाए जाते हैं।
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| 12. | सैकड़ों फैदम की गहराई में पाई जानेवाली मछलियों के शरीर में प्रकाशोत्पादक अंग होते हैं, जो शरीर के दोनों बगल पंक्तियों में सुसज्जित रहते हैं।
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| 13. | ३ ०० से ३ ५ ० मीटर तक की गहराई में पाए जानेवाले प्राणियों में, विशेषकर मछलियों में, प्रकाशोत्पादक अंग पाए जाते हैं।
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| 14. | किसी किसी जानवर में प्रकाशोत्पादक अंग के चारों ओर एक अपारदर्शक आवरण होता है, जो प्रकाशोत्पादक अंग के ऊतक (tissue) को हानि से बचाता है।
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| 15. | किसी किसी जानवर में प्रकाशोत्पादक अंग के चारों ओर एक अपारदर्शक आवरण होता है, जो प्रकाशोत्पादक अंग के ऊतक (tissue) को हानि से बचाता है।
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| 16. | सैकड़ों फैदम की गहराई में पाई जानेवाली मछलियों के शरीर में प्रकाशोत्पादक अंग होते हैं, जो शरीर के दोनों बगल पंक्तियों में सुसज्जित रहते हैं।
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