| 11. | हे भक्तजनो! प्रकाश की आशा उससे करनी चाहिए जो स्वयं प्रकाश-पुंज हो।
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| 12. | शिशुपाल के मृत शरीर का परित्याग कर एक प्रकाश-पुंज आकाश की ओर उठा।
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| 13. | शिशुपाल के मृत शरीर का परित्याग कर एक प्रकाश-पुंज आकाश की ओर उठा।
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| 14. | उस प्रकाश-पुंज ने श्रीकृष्ण को प्रणाम किया तथा फिर उन्हीं में विलीन हो गया।
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| 15. | प्रकाश-पुंज बिखेर देते हैं कि किस दिशा से उसकी अवधारणा की जाय यह बात
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| 16. | उस प्रकाश-पुंज ने श्रीकृष्ण को प्रणाम किया तथा फिर उन्हीं में विलीन हो गया।
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| 17. | तब से तीव्र प्रकाश-पुंज के मूल उत्स को ही गाली देने या उसकी तीव्र
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| 18. | क्योंकि यही तो हैं वो प्रकाश-पुंज जिनकी स्नेहमयी छत्रछाया में फलते हैं रिश्तों के फूल।।
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| 19. | क्योंकि यही तो हैं वो प्रकाश-पुंज जिनकी स्नेहमयी छत्रछाया में फलते हैं रिश्तों के फूल।।
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| 20. | मैं तो गिलहरी की तरह एक बूँद अंधेरा हटाकर विशाल प्रकाश-पुंज का लघुतम कण बनना चाहता हूँ।
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