इसीलिए जहां पहले राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का प्रतिनिधि बनाना तय था वहीं अब सुनने को मिल रहा है कि शायद जीत की उम्मीद ना होने के कारण फिर मनमोहन सिंह को ही बलि का बकरा बनाया जाने वाला है और अब भाजपा के मुख्य चेहरे बन गए नरेंद्र मोदी पर शिकंजा कसा जा रहा है और वह भी अपने गिरेबान में झांके बिना.
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क्या जिस पद के लिए आप उसे अपना प्रतिनिधि बनाना चाहते है, वह उसका भार उठाने योग्य है? 5. क्या वह आपकी तथा आपके क्षेत्र कि समस्याओ का उचित निपटान कर पायेगा? 6. जो प्रतयाशी वोट मांगने कई बार आपके दरवाजे पर आता है तो क्या पदभार प्राप्त करने पर वह आपके प्रति वही दृष्टिकोण बनाये रखेगा? 7. यदि कोई प्रत्याशी पहले ही इस पद पर आप ही के क्षेत्र से रहे है तो आपके क्षेत्र में क्या वह नियमित रूप से आते रहे? 8.