| 11. | जैसे महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा, सूक्ष्म दशा और प्राण दशा।
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| 12. | यह आपकी जन्म कुंडली की महादशा अंतरदशा-प्रत्यंतर दशा पर निर्भर करती हैं।
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| 13. | मंगल की दशा में शनि का अंतर और गुरु के प्रत्यंतर में जातक
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| 14. | इसके बाद प्रत्यंतर फिर अंतर और अंत में महादशा को स्थान देना चाहिए।
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| 15. | इस समय गुरु की महादशा में राहु की प्रत्यंतर दशा चल रही है।
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| 16. | गुरु की अन्तर्दशा में 0 6 अगस्त 2013 से शनि की प्रत्यंतर.
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| 17. | इसके बाद प्रत्यंतर फिर अंतर और अंत में महादशा को स्थान देना चाहिए।
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| 18. | उसके बाद उच्चराशिगत मंगल का प्रत्यंतर आरम्भ होगा जो 19 अक्टूबर 2013 तक रहेगा।
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| 19. | इस समय गुरु की महादशा और प्रत्यंतर के साथ-साथ लाभेश शुक्र की अंतर्दशा थी।
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| 20. | इसके अलावा हर महादशा में गुरु का प्रत्यंतर उसके लिए शुभ फलों की प्राप्ति कराएगा।
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