लुंबावास बाड़मेर से वैष्ण्व वैरागी समाज कि ओर से सामाजिक, शिक्षा, जागृति व धर्म प्रवार के लिए पैदल रथ यात्रा के लिए निकले प्रकाशदास का भगवानदास परिवार व धर्म प्रेमियों ने स्वागत किया।
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न्यूज आज. वर्ष 2012-13 में रबी मौसम के लिए पॉयलट मौसम आधारित फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद प्रवार ने प्रशासनिक मंजूरी प्रदान कर दी है।
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जब आप टी 0 वी 0 पर किसी उत् पाद का प्रवार देखते है तो प्रचार करने वाला उत् पाद के वारे मे ऐसी प्रस् तुति करते है जो कि उस उत् पाद मे नही होता।
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ना मैं जप में ना मैं तप में ना मैं बरत उपास में ना मैं किर्या कर्म में रहता नहिं जोग सन्यास में नहिं प्राण में नहिं पिंड में ना ब्रह्याण्ड आकाश में ना मैं प्रकति प्रवार गुफा में नहिं स्वांसो की स्वांस में
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(आंकड़ा स्रेत: सीईएफएस व कृषि मंत्रालय) कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद प्रवार का मत: एनएसी की सिफारिशों को लागू करने के लिए हर साल 6.2 करोड़ टन खाद्यान्न की जरूरत होगी ईएसी अध्यक्ष सी. रंगराजन का मत: एनएसी के सभी सुझाव मान लिये जाएं तो सरकार का सब्सिडी बिल 92 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा
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ना मस्जिद मेंना काबे कैलास मेंमैं तो तेरे पास में बन्देमैं तो तेरे पास मेंना मैं जप में, ना मैं तप मेंना मैं बरत उपास में ना मैं किरिया करम में रहतानहिं जोग सन्यास मेंनहिं प्राण में नहीं पिंड मेंना ब्रह्माण्ड आकास मेंना मैं प्रकुति प्रवार गुफा मेंनहिं स्वांसों की स्वांस में खोजी होए तुरत मिल जाऊंइक पल की तलास मेंकहत कबीर सुनो भई साधोमैं तो हूँ विश्वास
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मैं तो तेरे पास में बन्दे, मैं तो तेरे पास में........ ना मैं जप में, ना मैं तप में ना मैं बरत उपास में, ना मैं किर्या कर्म में रहता नाहिं जोग सन्यास में, नहिं प्राण में, नहिं पिंड में, ना ब्रह्याण्ड आकाश में, ना मैं प्रकति प्रवार गुफा में, नहिं स्वांसों की स्वांस में, खोजि होए ते मैं तुरंत मिल जाउं, इक पल की तालाश में कहत कबीर सुनो भई साधो मैं तो हूँ विश्वास में....-संत कबीर दास =====
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मोको कहां ढूंढे रे बन्दे मैं तो तेरे पास मेंना तीरथ मे ना मूरत में ना एकान्त निवास मेंना मंदिर में ना मस्जिद में ना काबे कैलास मेंमैं तो तेरे पास में बन्दे मैं तो तेरे पास मेंना मैं जप में ना मैं तप में ना मैं बरत उपास मेंना मैं किरिया करम में रहता नहिं जोग सन्यास मेंनहि प्राण में नहि पिंड में ना ब्रह्याण्ड आकाश मेंना मैं प्रकुति प्रवार गुफा में नहिं स्वांसों की स्वांस मेंखोजि होए तुरत मिल जाउं इक पल की तालास मेंकहत कबीर सुनो भई साधो मैं तो हूं विश्वास में