(2 । 1 । 50) इस पाणिनिसूत्रानुसार दिशावाचक और संख्यावाचक शब्दों का कर्मधारय समास तभी होता हैं जब वह समस्त पद किसी प्रसिद्ध वस्तु का नाम हो, जैसे ‘ सप्तर्षि ', ‘ त्रिगुण ' और ‘ त्रिदेव ' आदि प्रसिद्ध वस्तु का नाम हैं।
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(2 । 1 । 50) इस पाणिनिसूत्रानुसार दिशावाचक और संख्यावाचक शब्दों का कर्मधारय समास तभी होता हैं जब वह समस्त पद किसी प्रसिद्ध वस्तु का नाम हो, जैसे ‘ सप्तर्षि ', ‘ त्रिगुण ' और ‘ त्रिदेव ' आदि प्रसिद्ध वस्तु का नाम हैं।