न सिर्फ सयाजीराव को पढ़ाने के लिए प्राइवेट ट्यूटर रखे गये, बल्कि उनके शारीरिक प्रशिक्षण और घुड़सवारी की तालीम देने के लिए भी कई विशेषज्ञ रखे गये.
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इसलिए मैं अक्तूबर में ठीक समय पर कैम्ब्रिज नहीं जा सका, बल्कि श्रूजबेरी में ही प्राइवेट ट्यूटर से पढ़ा और फिर क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान 1828 की शुरुआत में ही कैम्ब्रिज जा पाया।
13.
लड़कों की पढ़ाई को लेकर इतना अधिक सतर्क रहने वाले प्राइवेट ट्यूटर अब कहां मिलेंगे? पण्डित जी अब नहीं रहे, परन्तु उनकी करालता की वह स्मृति आज बड़ी मधुर होकर मेरे ध्यान में आ रहा है।