सहनशीलता सारी कामयाबियों की कुंजी है, जब कोई व्यक्ति सहनशीलता धारण करता है तो सारी प्राकृतिक शक्तियां उसकी सहायता करना शुरू कर देती है।
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इसलिए प्राकृतिक शक्तियां सबसे पहले आकाशगंगाओं और सितारों के जन्म लेने की स्थितियां तैयार करती हैं जिनके बीज ब्रह्मांड के आदिस्वरूप की छोटी-छोटी असमरूपताएं तैयार करती हैं।
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इसलिए प्राकृतिक शक्तियां सबसे पहले आकाशगंगाओं और सितारों के जन्म लेने की स्थितियां तैयार करती हैं जिनके बीज ब्रह्मांड के आदिस्वरूप की छोटी-छोटी असमरूपताएं तैयार करती हैं।
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माँ कामाख्या ” (सती ─ भगवान् शिव की प्रथम अर्धनारी, शक्ति) की शंख ध्वनि न सुनने से “ मूल प्राकृतिक शक्तियां ” (दसों महाविद्द्याएं ─ माँ कामाख्या के दस रूप) क्रुद्ध और उग्र होती जा रही हैं।
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(ज्योतिषाचार्य पं. अनुज के शुक्ल) चीन के धार्मिक ग्रन्थ ‘ टायो ' पर आधारित फेंगसुई, प्राचीन चीनी दार्शनिकों का एक चिन्तन है, जिसमें यह विचार किया गया है कि प्राकृतिक शक्तियां मानव जीवन और भूखण्ड को किस तरह और कैसे प्रभावित करती है।
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बयानबाज़ी तो यह है कि बाई ऐन लार्ज, जो कि एक मल्टीनेशनल कम्पनी है, ने पृथ्वी पर कूड़े का अम्बार सा खड़ा कर दिया जिसके विरोध में कई प्राकृतिक शक्तियां खड़ी हो गयी हैं और उन्होंने मज़बूर कर दिया है बची-खुची मानव प्रजाति को धरती छोड़ने के लि ए.
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यह प्रकृति मेरा है. ये प्राकृतिक शक्तियां जिसमे यह धरती लिप्त हुआ है, मेरी '' माँ '' है. और '' बिधाता '' जिसे मै अपने समस्त अस्तित्व से ' ' बाबा '' कहता हूँ. जिन्होंने अपना परिचय प्रमाणित करने के लिए अपने पुत्र का निर्माण किया है.
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गज़ब आख्यान है और उससे भी ज़्यादा आपकी विवेचना.....आपके आलेख में कितना कुछ आप स्वयं कह जाते हैं कि उससे इतर कुछ कहना जोखिम भरा लगता है....आपकी निष्पत्ति कि सूर्य, वायु और अग्नि (विद्युत) जैसी प्राकृतिक शक्तियां ही हिम दैत्य को नष्ट करने वाली हो सकती हैं,से सहमत हूँ!प्रत्युत्तर देंहटाएंउत्तर
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वैज्ञानिकों का मानना है कि केवल मानव ही है जो अपना निर्धारित कार्य नहीं जानता, जबकि पृथ्वी पर अन्य ' निम्न श्रेणी के प्राणी ' अपना निर्धारित कार्य किये जा रहे हैं यदि प्राकृतिक शक्तियां सामान्य हों,,, जैसे लैक्टो बैसिलस सामान्यतया दूध का दही बना देगा, यदि बहुत ठण्ड न हो...
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इसी तरह मैक आइवर नामक पर्यावरणविद् का मानना है कि ‘‘ पृथ्वी का धरातल एवं उसकी सभी प्राकृतिक अवस्थाएं यथा-प्राकृतिक संसाधन, भूमि, जल, पर्वत, मैदान, खनिज पदार्थ, पौधे, पशु तथा समस्त प्राकृतिक शक्तियां जो पृथ्वी पर विद्यमान रहकर मानव जीवन को प्रभावित करती हैं, पर्यावरण के अन्तर्गत आती हैं।