| 11. | ' उच्चारण भाषा का प्राणतत्त्व होता है', इसे सभी भाषाविज्ञानी स्वीकार करते हैं।
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| 12. | लेकिन प्राणतत्त्व के बीच से हटते ही आत्मतत्त्व अलग हो जाता है शरीर से।
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| 13. | छान्दोग्य उपनिषद में भी इसी भांति ' प्राणतत्त्व ' की श्रेष्ठता दर्शायी गयी है।
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| 14. | श्वास लेने के साथ दूर अन्तरिक्ष से प्रकाश स्वरूप प्राणतत्त्व खींचा चला आ रहा है.....
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| 15. | पुरुष के जागने पर यह ' आत्मा ' सम्पूर्ण ' प्राणतत्त्व ' को सक्रिय कर देती है।
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| 16. | इस प्राणतत्त्व के द्वारा ही साधक दूसरे लोक में जाकर अमृततत्त्व के विशेष सुख को प्राप्त करता है।
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| 17. | इस प्राणतत्त्व के द्वारा ही साधक दूसरे लोक में जाकर अमृततत्त्व के विशेष सुख को प्राप्त करता है।
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| 18. | प्राणतत्त्व की उपासना इस अध्याय में ' प्राण ' को ही ' ब्रह्म ' का रूप माना है।
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| 19. | इस प्राणतत्त्व के द्वारा ही साधक दूसरे लोक में जाकर अमृततत्त्व के विशेष सुख को प्राप्त करता है।
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| 20. | अर्थात् मनुष्यों को सम्यरूपेण वाणी-प्रयोग के योग्य बनाए. 'उच्चारण भाषा का प्राणतत्त्व होता है', इसे सभी भाषाविज्ञानी स्वीकार करते हैं.
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