जो अनेकानेक दैत्यों के प्राणनाशक हैं और नाना प्रकार के रूप धारण करते हैं, उन नाना अस्त्र-शस्त्रधारी मयूरेश को मैं भक्तिभाव से नमस्कार करता हूँ।
12.
जो अनेकानेक दैत्यों के प्राणनाशक हैं और नाना प्रकार के रूप धारण करते हैं, उन नाना अस्त्र-शस्त्रधारी मयूरेश को मैं भक्तिभाव से नमस्कार करता हूँ।
13.
जैसे रात्रि में बालक को बाहर न निकलने देने के लिए आकाश में कल्पित प्राणनाशक वेताल विचार से विनष्ट हो जाता है, वैसे ही अपने मन के अज्ञान से कल्पित स्वरूप का विनाशक यह संसार विचारक से विलीन हो जाता है।
14.
डाक्टरों ने खोज करके बताया है, निमोनियां, लकवा, रिडेरपेस्ट, शीतला, चेचक, कंठमाला, क्ष्य (तपेदिक) और अदीठ आदि विषैला फोड़ा इत्यादि भयंकर और प्राणनाशक रोग प्रायः गाय, बकरी और जलजन्तुओं का मांस खाने से होते हैं ।
15.
यह अधिकार यीशु मसीह के लिये मात्र नहीं था, वे अपने चेलो को भी यह अधिकार दिया, “सांपों को उठा लेंगें, और यदि वे प्राणनाशक वस्तु भी पी जाये तो भी उनकी कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जायेंगे” (मर्कूस १६:१८)।