(2) प्रत्येक व्यक्ति को, जो गिरफ्तार किया गया है और अभिरक्षा में निरुद्ध रखा गया है, गिरफ्तारी के स्थान से मजिस्ट्रेट के न्यायालय तक यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़कर ऐसी गिरफ् तारी से चौबीस घंटे की अवधि में निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा और ऐसे किसी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के प्राधिकार के बिना उक्त अवधि से अधिक अवधि के लिए अभिरक्षा में निरुद्ध नहीं रखा जाएगा।
12.
इसे कार्यपालिका आदेश द्वारा नहीं लिखा जा सकता है [आल इंडिया रिजर्व बैंक अधिकारी संघ बनाम भारत संघ ए. आई. आर. १ ९९ २ एस. सी. १ ६ ७] विधि के प्राधिकार के बिना वैयक्तिक संपत्ति से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है-अनुच्छेद ३ ००-क यह उपबंधित करता है कोई भी व्यक्ति विधि के प्राधिकार के बिना अपनी संपत्ति से वंचित नहीं किया जायेगा.
13.
इसे कार्यपालिका आदेश द्वारा नहीं लिखा जा सकता है [आल इंडिया रिजर्व बैंक अधिकारी संघ बनाम भारत संघ ए. आई. आर. १ ९९ २ एस. सी. १ ६ ७] विधि के प्राधिकार के बिना वैयक्तिक संपत्ति से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है-अनुच्छेद ३ ००-क यह उपबंधित करता है कोई भी व्यक्ति विधि के प्राधिकार के बिना अपनी संपत्ति से वंचित नहीं किया जायेगा.
14.
इस अधिकार को एक सांविधानिक अधिकार के रूप में बनाये रखने के लिए जो नया अनुच्छेद ३ ०० [क] जोड़ा गया है वह यह उपबंधित करता है: '' कोई व्यक्ति विधि के प्राधिकार के बिना अपनी संपत्ति से वंचित नहीं किया जायेगा. '' नए अनुच्छेद ३ ०० [क] के अधीन किसी व्यक्ति की संपत्ति को राज्य द्वारा अर्जित किये जाने के लिए केवल एक शर्त है और वह है विधि का प्राधिकार.