आज फिर नये सिरे से हमें उसकी चर्चा जारी करनी होगी, सोई हुई शक्ति को फिर से जगाना होगा, अहंकार को दबा कर रखना होगा ।
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वास्तविक दुनिया की विभीषि काओं के बरखिलाफ कविता की काल्पनिक दुनिया में ज़िंदगी के अर्थ को, उम्मीद को फिर से जगाना और पाना इन कवियों की खास भंगिमा है।
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शलोम, “ और हम कहते हैं, ” ॐ शांति ”-सब जगह शांति हो, और सब मिलके रहे | दुनिया एक सुंदर परिवार है | यह सन्देश हमे सब जगह ले जाना है, हर घर तक पहुंचाना है | एक तो व्यक्तिगत शांति है-शांति केवल संघर्ष का ना होना ही नहीं है | यह एक आन्तरिक सकारात्मक भावना है | जब हम खुश होते हैं केवल तभी मैं समझता हूँ कि हम शांतिपूर्ण होते हैं | उस ख़ुशी को फिर से जगाना होगा |