दुख होता है जब इस देश के नेता लोग इस बात को जाने समझे भी अनजान बने रेह्ते हैं...बी.जे.पी. भी जो ए अटल-अटल की उपलब्धियाँ गिनाती रेहती है, उसके 5 साल के सासन मे भी तो कंधर और कारगिल हुआ था... अगर बी.जे.पी. वैसा ही सासन फिर से देना छाती है तो नही चाहेए हम लोगों को ऐसा सासन... तुस्टीकर्ण बंद होना चाहेए... हम हिन्दू कब तक अपने देश मे ही बैगने बन के रहेंगे??