उच्च दाब पर प्रक्रिया करके फीनोल आदि कई अन्य उपयोगी पदार्थ भी तैयार किए जाते हैं।
12.
इससे अनेक अनावश्यक पदार्थ, फीनोल आदि आक्सि यौगिक, सौरभिक और असंतृप्त हाइड्रोकार्बन, गंधक के यौगिक इत्यादि निकल जाते हैं।
13.
राई-सरसों के भूसे में भी पशुओं के लिए घुलनशील प्रोटीन और शर्करा, फीनोल, रेशे तथा ग्लूकोसिनोलेट आदि आवश्यक पोषक तत्व पाये जाते है।
14.
डायज़ोनियम लवणों का क्षारीय अवस्था में फीनोल, या तृतीयक ऐमिन, द्वारा उपचार करने से अम्लीय या समाक्षारीय पीले, लाल या भूरे रंग के रंजक बनते हैं।
15.
(क) पूतिनाशक (antisepic)-१ ८ ६ ७ ई. में लिस्टर (Lister) ने फीनोल में पूतिनाशक, या रोगाणुनाशक, गुण देखे।
16.
कीमोएबरेजन-इस थिरेपी में व्यक्ति का चेहरा स्प्रीट से साफ करके उस पर फीनोल तथा अन्य रासायनिक पदार्थ त्वचा के नीचे पहुंच कर झुर्रियों को कम करने में सहायक होते हैं।
17.
काष्ठ के भंजक आसवन से निम्न यौगिक पृथक् किए जा सकते हैं: फॉर्मिक अम्ल, कई वसा अम्ल, असंतृप्त अम्ल, ऐसेटैल्डिहाइड, सेलिल ऐल्कोहॉल, मेथिल एथिल कीटोन, फरफरॉल, मेथिलाल, डाइमेथिल ऐसीटॉल, बेन्ज़ीन, ज़ाइलीन, क्यूमीन, सायमीन, फीनोल आदि।
18.
राज् य में मिलने वाले कोयले को कोक में भी बदला जा सकता है और हलके, मध् यम व भारी तेल, फीनोल, ज़ाइनेलोल तथा प्रोड्यूसर गैस जैसे मूल् य वर्धित रसायन बनाए जा सकते हैं।
19.
इनमें से प्रमुख है हाइड्रोजन साइनाइट, कार्बन मोनोआँक्साइड, निकोटिन, टार अमोनिया, बेंजापाइरिन, कैडमिश्म, डी. डी. टी. (कैंसर कारक) कोलोडाँन, आर्सेनिक, डाईबें जाक्रिडीन, फीनोल मार्श गैस आदि।
20.
काष्ठ के भंजक आसवन से निम्न यौगिक पृथक् किए जा सकते हैं: फॉर्मिक अम्ल, कई वसा अम्ल, असंतृप्त अम्ल, ऐसेटैल्डिहाइड, सेलिल ऐल्कोहॉल, मेथिल एथिल कीटोन, फरफरॉल, मेथिलाल, डाइमेथिल ऐसीटॉल, बेन्ज़ीन, ज़ाइलीन, क्यूमीन, सायमीन, फीनोल आदि।