| 11. | यह कम बौनी, फुटाव अच्छा, तना मज़बूत पकाई पर लाल रंग की बालियाँ हो जाती हैं।
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| 12. | इसमें फुटाव अधिक, तना मज़बूत, न गिरने वाली, सीधी व तंग पत्तियों वाली होती है।
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| 13. | धान की नर्सरी की अवधि ज्यादा होने के कारण लेट रोपाई से पौधों का फुटाव पूरा नहीं हो सकेगा।
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| 14. | तापमान के साथ इनमें फुटाव आ जाता है और जुलाई-अगस्त में रोपाई के लिए पौध तैयार हो जाता है।
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| 15. | क्योंकि झाड़ी प्रजाति के पौधों के लिए यह सबसे अनुकूल समय होता है जब कलमों में फुटाव शीघ्र होता है।
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| 16. | यह क़िस्म बौनी है तथा फुटाव अधिक, बालियाँ गुंथी हुई तूड़ दार व पकने पर सफ़ेद हो जाती हैं।
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| 17. | विशेष तौर से अगर फुटाव से पहले आच्छादन कर रहे हैं तो, चौड़े पत्ते और मोट टहनी नहीं प्रयोग करनी चाहिये।
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| 18. | उत्तर: यह अत्यधिक फुटाव, एक साथ पकने वाली एवं अधिक उपज (दाना एवं चारा) देने वाली संकर क़िस्म है।
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| 19. | पर्णपाती वृक्षों से कलम बसन्त ऋतु में ले सकते हैं, जब नये फुटाव आने का समयहो या वृक्षों में बढ़वार शुरू होनी वाली हो.
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| 20. | पौषक तत्वों के नाम पर या फिर फुटाव के नाम पर बाजार में जो मिलता है उसको खेत में डालने से परहेज नहीं करते।
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