फेनक खनिज में मिश्रित जल का तल तनाव (सर्फ़ेस टेनशन) घटा देते हैं और खनिज के प्लवन के लिए फेन बनाने योग्य वायु के बुलबुलों का स्थायीकरण कर देते हैं।
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2. अंगराग के प्रसाधनों में बाल धोने के तरल फेनक (शैंपू), दाढ़ी बनाने का साबुन, विलेपन (क्रीम) और लोशन इत्यादि तो रखे जा सकते हैं, किंतु
13.
व्यवहार में उत्प्लवन प्रतिकर्मक बहुत थोड़े परिमाण में उपयोग किए जाते हैं, जैसे प्रति टन अयस्क में फेनक तथा एकत्रक ०.०३ से ०.२ पाउंड तक और प्रावसादक तथा कर्मण्यक ०.३ से १ पाउंड तक प्रयुक्त किए जाते हैं ।
14.
किसी सांस्कृतिक स्थान से आया हुआ कालाविचक्षण नागरिक अगर गरीब हो, उसके पास मल्लिका, फेनक तथा कषाय मात्र ही बाकी बचे हो तो वह नागरिकों की संभाओं, उत्सवों में जाकर और वेश्याओं के यहां जाकर उनको हितकर उपदेश देकर अपनी जीवीका कमानी चाहिए।
15.
मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन, उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
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मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन, उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
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मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन, उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि ; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि ; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि ; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता ; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।