विभाग ने कहा है कि करीब एक लाख करोड़ रुपए की बकाया की वसूली इसलिए नहीं की जा सकी, क्योंकि जिन कंपनियो पर कर बकाया था उनके पास कर की रिकवरी के लिए कोई संपत्ति नहीं थी।
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बकाया की वसूली के लिए मद्रास और कलकत्ता उच्च न्यायालयों में कई मामलों का सामना कर रहा यह जहाज चेन्नई बंदरगाह से दूर 2010 से ही लंगर डाले है और इसे पिछले साल सितंबर में पकड़ा गया था।