| 11. | जिसके साथ हर पल जिसके बग़ैर बिताता हूँ
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| 12. | दीपक बग़ैर कैसे, पर्वाने जल रहे हैं-२
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| 13. | लब को तुम्हारे लब से मिलाकर कहे बग़ैर
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| 14. | बग़ैर इल्म के ज़ुलमत कदा है ज़ह्न मेरा
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| 15. | एहराम दो बग़ैर सिली सफेद चादर का लिबास…
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| 16. | तो गाँधीजी ने बग़ैर किसी भेदभाव के पूरे
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| 17. | अपनी ये ज़िन्दगी की कली मां तेरे बग़ैर
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| 18. | बनती नहीं है बादा ओ सागर कहे बग़ैर
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| 19. | हर रोशनी बुझी सी रही मां तेरे बग़ैर
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| 20. | उसके बग़ैर शादी कहाँ होती है? ”
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