महाराज ने क्रूरसिंह को देखते ही कहा, ‘‘ क्यों बे क्रूर! बेचारी चन्द्रकान्ता को इस तरह झूठ-मूठ बदनाम करना और हमारी इज्जत में बट्टा लगाना, यही तेरा काम है?
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इसके अलावा कारगिल युद्ध में देश के लिए वरदान साबित होने के बाद जब बोफोर्स की शान पर बट्टा लगाना आप लोगों ने देशद्रोह करार दे दिया था तो फिर उसका सौदा कराने वाला क्वात्रोची नमन किए जाने योग्य है या उसे निंदित किया जाए।