अतएव जन्मदिन के अवसर पर हमें सच्चा अध्यात्मवादी, सच्चा ईश्वर भक्त और मनुष्य बनने का प्रयत्न करना चाहिए और इसके लिए आदर्शवादिता एवं उत्कृष्टता का अधिकाधिक समावेश अपनी विचारणा एवं क्रिया-पद्धति में करने का प्रयत्न करने की कोशिश करना चाहिए।
12.
कर्म बंधन के कारण स्वत: की वृत्तियांही जीव के मुक्ति में बाधक बनी रहती हैं, किन्तु उसे अपनी आध्यात्मिक उन्नति को प्रारब्ध पर नहीं छोडना चाहिए, अपितु साधना के पथ पर अग्रसर होकर अकारण करुणा वरुणालयभगवान् की कृपा का पात्र बनने का प्रयत्न करना चाहिए।
13.
प्रायश्चित्त का नहीं, प्रतीकार का नहीं, तुम्हारे मुख पर से वह घोर कलंक का टीका मिटाने का नहीं, तुम्हारे योग्य बनने का नहीं ; केवल यह दिखा देने का कि मैं प्रायश्चित्त करना चाहता था, तुम्हारे मुख से वह कलंक मिटाकर तुम्हारे योग्य बनना-तुम्हारे योग्य बनने का प्रयत्न करना-चाहता था! संसार शायद फिर भी मेरे नाम पर थूकता रहेगा, रहे।