लेकिन एक बात यहाँ पर यह ध्यान देने क़ी है कि यदि कोई बेर बनैला, ज़हरीला या रोग संक्रमित होता तो भगवान भी रोग ग्रस्त हो सकते थे.
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वादियों में प्रेमगीत अब फाग बन कर गूंजेंगे जन-जन अब अबीर गुलाल संग चिरप्रेम रंग में रंगेंगे| मधुरमिलन की आस में धरा खिल श्रृंगाररस से भर गयी है पुष्पों से लकदक हरित बनैला, सुरचाप रंग से रंग गयी है |
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वादियों में प्रेमगीत अब फाग बन कर गूंजेंगे जन-जन अब अबीर गुलाल संग चिरप्रेम रंग में रंगेंगे | मधुरमिलन की आस में धरा खिल श्रृंगाररस से भर गयी है पुष्पों से लकदक हरित बनैला, सुरचाप रंग से रंग गयी है |
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आने वाले चुनावों में पुनः गदहा बनने को अभिशप्त इस गरीब वतन की कसम खा कर सुबह-सुबह कह रहा हूं कि हां ” कहीं ऐसा तो नहीं कि हर पढे़-लिखे आदमी में एक बनैला माफिया बैठा है बस उसमें दुस्साहस का अभाव है।
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तुम भी कितने बदल गये हो पिता सरीखे गाँव परम्पराओं का बरगद-सा कटा हुआ यह तन बो देता है रोम-रोम में बेचैनी सिहरन तभी तुम्हारी ओर उठे ये ठिठके रहते पाँव जिसकी वत्सलता में डूबे कभी सभी संत्रास पच्छिम वाले उस पोखर की सड़ती है अब लाश किसमें छोड़ूँ सपनो वाली कागज की वह नाव इस नक्शे से मिटा दिया है किसने मेरा घर बेखटके क्यों घूम रहा है एक बनैला डर मन्दिर वाले पीपल की भी घायल है अब छाँव तुम भी कितने बदल गये हो पिता सरीखे गाँव मनचाहे सपनों को-अश्वघोष