यह कैसा इस्लाम है जो किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का न केवल बलात् अपहरण करता है अपितु स्त्रियों के उत्पीड़न की सारी सीमायें लाँघ जाता है?
12.
अपनी माँ के बलात् अपहरण से दुःखी भोमदेव मन में अरबों के प्रति क्रोध और अंग्रजों के प्रति घृणा लेकर बहुत दिन तक जंगल में भटकते रहने के बाद वापस चला गया।
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ख. बलात् अपहरण-जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी स्थान से जाने के लिए ताकत से बाध्य करता है अथवा प्रपंच से फुसलाता है तो यह कहा जाता है कि उसने उस व्यक्ति का बलात् अपहरण किया (धारा ३६२)।
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ख. बलात् अपहरण-जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी स्थान से जाने के लिए ताकत से बाध्य करता है अथवा प्रपंच से फुसलाता है तो यह कहा जाता है कि उसने उस व्यक्ति का बलात् अपहरण किया (धारा ३६२)।
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ख. बलात् अपहरण-जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी स्थान से जाने के लिए ताकत से बाध्य करता है अथवा प्रपंच से फुसलाता है तो यह कहा जाता है कि उसने उस व्यक्ति का बलात् अपहरण किया (धारा ३६२)।
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ख. बलात् अपहरण-जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी स्थान से जाने के लिए ताकत से बाध्य करता है अथवा प्रपंच से फुसलाता है तो यह कहा जाता है कि उसने उस व्यक्ति का बलात् अपहरण किया (धारा ३६२)।
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(७) ”जब वे भोजन करने की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं, यकायक रोने व चीखने की आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं और इन हमले में किसी की पत्नी की बलात् अपहरण हो जाता है, किसी का सामान छीना, झपटा या लूट लिया जाता है।”