घूर्णन में बल आघूर्ण वही भूमिका निभाता है जो बल स्थानांतारिय गति में निभाता है।
12.
जब बल से कोणीय वेग में बदलाव होता है, उसे बल आघूर्ण कहा जाता है।
13.
जब बल से कोणीय वेग में बदलाव होता है, उसे बल आघूर्ण कहा जाता है।
14.
प्रथम नियम के अनुसार, अगर किसी पिण्ड पर बल आघूर्ण न लगे हो, तो पिण्ड की घूर्णी गत्यावस्था नही बदलेगी।
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प्रथम नियम के अनुसार, अगर किसी पिण्ड पर बल आघूर्ण न लगे हो, तो पिण्ड की घूर्णी गत्यावस्था नही बदलेगी।
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प्रथम नियम के अनुसार, अगर किसी पिण्ड पर बल आघूर्ण न लगे हो, तो पिण्ड की घूर्णी गत्यावस्था नही बदलेगी।
17.
बल आघूर्ण की परिभाषा है:: जहाँ सदिश है, जो घूर्णन बिन्दु और बल पर लगने वाले बिन्दु की दूरी दर्शाता है, और जहाँ पिण्ड पर लगने वाला बल है।
18.
मान लिया, उस यंत्र पर डाला जानेवाला बल आघूर्ण T1 किलोग्राम प्रति मीटर है और w1 रेडियन प्रति सेकंड यंत्र की कोणीय गति है, तब उस यंत्र द्वारा प्राप्त ऊर्जा की दर होगी w1T1 किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड।
19.
25 नवम्बर 2005 को, एडिडास ने एडिडास 1 का एक नया संस्करण जारी किया, जिसमें कुशन की रेंज को बढ़ा दिया गया था, जिससे जूते को अधिक नर्म या सख्त बनाया जा सके, इसमें एक नयी मोटर लगायी थी, जिसमें 153 प्रतिशत अधिक बल आघूर्ण था.
20.
25 नवम्बर 2005 को, एडिडास ने एडिडास 1 का एक नया संस्करण जारी किया, जिसमें कुशन की रेंज को बढ़ा दिया गया था, जिससे जूते को अधिक नर्म या सख्त बनाया जा सके, इसमें एक नयी मोटर लगायी थी, जिसमें 153 प्रतिशत अधिक बल आघूर्ण था.[कृपया उद्धरण जोड़ें]