अब वह दीखते तो हैं लेकिन बहँगी की जगह ठेले-साईकिल ने ली है।
12.
रहटे की एक लंबी गोदी थी जिसे वह बहँगी की तरह कंधों पर टिकाए था।
13.
शारदा फिर आयी, अबकी बार अपने बाएँ कन्धे पर बहँगी की तरह वीणा रखे हुए।
14.
इसी मौसम में पहले कभी कभार बहँगी पर गज़क-रेवड़ी बेचने वाले दीख जाया करते थे।
15.
इसी मौसम में पहले कभी कभार बहँगी पर गज़क-रेवड़ी बेचने वाले दीख जाया करते थे।
16.
रूखे स्वर के मालिक ने कन्धों पर से बहँगी उतार कर दो पिटारियाँ ज़मीन पर टिका दी थीं।
17.
जाड़ों में गजक दो थालों में सजी गजक की बहँगी कंधे पर लटकाए हल्द्वानी की गली-गली घूमा करते थे।
18.
स्त्री० [सं० काँवाँरथी से] एक विशेष प्रकार की बहँगी जिसमें बाँस के टुकड़े के दोनों सिरों पर पिटारियाँ बँधी रहती हैं और जिसमें सामान रखकर काँवाँरथी तीर्थ-यात्रा करने निकलते हैं।
19.
आजकल यदि अपने बच्चॊं को बताना हो कि बहँगी जैसी चीज क्या होती है, कैसी होती है तो कोई जीवंत-जीवित-सजीव उदाहरण शायद ही मिल सके ।
20.
फिलहाल इस दृश्य में शामिल है बहँगी जिसके एक पलड़े में सिद्धा-पिसान तर-तरकारी दूसरी ओर सजाव दही की कहँतरियों का जोड़ा और बीच में किसी आदमजात का मजबूत कंधा अकेला एक।