इतना ही नहीं चरित्र से गिर चुके स्त्री-पुरूषों को भी श्री गुरूशरण महाराज ने अपनाकर उन्हें भाई व बहन जैसा नाम सम्मान देकर योग्य पथ प्रदान किया है।
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पति कभी मित्र है तो कभी पिता या भाई, पत्नी भी कभी प्रेयसी जैसा प्यार देती है तो कभी बहन जैसा स्नेह और कभी मां की भूमिका भी निभाती है।
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संकोचवश बहुत सी जगह कोई संबोधन नहीं लिखती लेकिन मन में कुछ लोगों के लिए, माँ जैसा, पिता जैसा, भाई जैसा और बहन जैसा महसूस करती हूँ।
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अब मैं पूजा राना व राहुल राना के नाना, दादा, मम्मी, पापा, बड़ा भाई, बड़ी बहन जैसा प्यार हमें चाहिये वो आप सब हमें देकर, अपनी मदद द्वारा बहुत आगे तक बढ़ायेंगे, जैसा हमारी मम्मी चाहती थी कि हम अच्छी पढ़ाई करें और अच्छे से समाज में अपना नाम रोशन करें।
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हर रिश्ते की अपनी सीमा है भाई | यदि आपने उस सीमा का उलंघन किया है तो आप खुद ये भी समझतें होंगे की पाने चाचा की लड़की के साथ सेक्स करने के बाद उसके साथ बहन जैसा बर्ताव नहीं कर पातें होंगे | ये अलग बात है की आपको इस गलती का अहसास नहीं है और ये अहसास तब तक न हो जब आपके बेटे-बेटियाँ एक बिस्तर पर वैसा करते नज़र न आ जाएँ |