नाश्ता करने के बाद जादूगर फिर अलादीन को आगे ले चला और नगर से बहुत दूर पर वे लोग पहुँच गए।
12.
उन्होंने हमारे गले में रस्सियाँ बाँध दीं और भेड़-बकरियों की भाँति हमें हाँक-हाँककर बहुत दूर पर बसे अपने गाँव में ले गए।
13.
एकाएक राजपूत सज्जन बोले-देखो वह जो बहुत दूर पर पेड़ दिखाई देता है, रास्ते के दाँयी ओर बड़ा-सा घेर घुमेरदार, वह पीपल का पेड़ है।
14.
जबकि चकाचौंध रोशनी में मदमस्त आर्केस्ट्रा बज रहा है कहीं, बहुत दूर पर भड़काये कि आवाज भी नहीं आती यहां तक, न आवाज की रोशनी, न रोशनी की आवाज होरी चैती बिरहा आल्हा गूंगे
15.
अरुंधती, जिनको तुम वशिष्ठ मुनि के पास बैठी समझती हो, उनसे लाखों कोस की दूरी पर होगी यहाँ से बहुत दूर पर होने से ही हम तुमको वे दोनों पास-पास जान पड़ते हैं।
16.
अभी वो दिन बहुत दूर पर ख्वाब तो देख ही सकते हैं ………अरुण कमल जी बड़े कवि हैं उन्होंने ”स्वप्न ” तो रचा ………. क्या यह एक शुरुआत नहीं है स्त्री मुक्ति की? बहुत बहुत बधाई.-सुशीला पुरी
17.
अभी वो दिन बहुत दूर पर ख्वाब तो देख ही सकते हैं ……… अरुण कमल जी बड़े कवि हैं उन्होंने ” स्वप्न ” तो रचा ………. क्या यह एक शुरुआत नहीं है स्त्री मुक्ति की? बहुत बहुत बधाई.--सुशीला पुरी
18.
यहां से बहुत दूर पर एक स्थान है जिसका नाम तिलिस्मी किताब में ' ब्रह्म-मंडल ' लिखा हुआ है, वहां से भी मुझे एक छोटी-सी किताब मिली थी जिसमें इस विचित्र बंगले का पूरा हाल लिखा हुआ था कि तिलिस्म (चुनारगढ़ वाला) तोड़ने वाले के लिए क्या-क्या जरूरी है।
19.
कहीं स्वर्णाभूषणों की झंकार सुनाई पड़ रही है, तो कहीं नूपुरों की रुनझुन, कभी तांबे के बृहद् घंटे पर पहर बजने का शब्द, बहुत दूर पर बजती नौबत की धुन, वायु से दोलायमान झाड़ की स्फटिक लटकनों की ठन-ठन ध्वनि, बरामदे से पिंजरे में बंद बुलबुल का गीत, बगीचे से पालतू सारस का स्वर मेरे चारों ओर किसी प्रेतलोक की रागिनी रच रहे थे।