इनमें तिलक-धारी भी थे, टोपी-धारी भी, अनेकानेक अन्य भी, तालियाँ बजाते हुए, अटठहास करते हुए लोग, सर फुटव्वल की आवाज़े, झूमते हुए लोग, खून की धार बह निकलना, सहमते हुए लोग! भागते हुए लोग? ज़ख़्मों से चूर, थक कर, लाचार से बैठे हुए, दो निरीह प्राणी, कौन? एक हिन्दू की बकरी, एक मुसलमान की गाय्।
12.
एक पल को उसे लगा जैसे किसी ने उसके पैरों के नीचे की वह ज़मीन हिला कर रख दी है, जिसपर उसका और रणवीर का रिश्ता खड़ा था, उसे लग रहा था मानो उसने अपने पति और बेटे का जीवन स्वयं नष्ट कर दिया है, पर इससे अलग उसके भीतर कुछ और भी उबल रहा था, किसी विकराल ज्वालामुखी की तरह, जो इस सन्नाटे को तोड़ते हुए बह निकलना चाहता था।