सात नवंबर को रणनीतिक रूप से अहम तेकहाली पुल पर तैनात पुलिस को हटा लेना, सशस्त्र पुलि का अपने को थाना परिसर में ही सीमित कर लेना जबकि गांव के गांव जल रहे हों, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की देरी से तैनाती और 'लिबरेशन' के लिए मिले अंतराल ने 'लोकतंत्र', 'प्रशासन', 'सरकार', 'वाम', 'मानवाधिकार' और 'सपंत्ति' तथा जीने के अधिकार जैसे शब्दों को बातिल और शून्य कर दिया है।
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कैथोलिक जिरह कहते हैं: जीवन का उद्देश्य है पता करने के लिए प्यार और भगवान की सेवा तो अगर किसी को ध्यान में रखते हुए इन तीन बातों के बिना अपने जीवन जी रहा है, उस व्यक्ति के जीवन में बहुत ज्यादा बातिल और शून्य है-भले ही वे एक सफल हो सकता है व्यक्ति दुनिया के मानकों के द्वारा, यानी पैसा, नौकरी, सभा, व्यापार स्टॉक, और इस तरह.
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सात नवंबर को रणनीतिक रूप से अहम तेकहाली पुल पर तैनात पुलिस को हटा लेना, सशस्त्र पुलि का अपने को थाना परिसर में ही सीमित कर लेना जबकि गांव के गांव जल रहे हों, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की देरी से तैनाती और ' लिबरेशन ' के लिए मिले अंतराल ने ' लोकतंत्र ', ' प्रशासन ', ' सरकार ', ' वाम ', ' मानवाधिकार ' और ' सपंत्ति ' तथा जीने के अधिकार जैसे शब्दों को बातिल और शून्य कर दिया है।