भवदीय डा. एम. एस. प्रसाद अवकाश प्राप्त परामर्शदाता एवं विभागाध्यक्ष (बाल-रोग विभाग) सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली.
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गोरखपुर के बाल-रोग विशेषज्ञ डॉ कें. एन.द्विवेदी का कहना है कि: “पौष्टिक आहार तो जीवन की धुरी है, जैसे पेट्रोल आप कार में डालते हैं।
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इस नीति में इस बात का संकल्प भी है कि बाल-रोग चिकित्सक स्कूलों से इन मीठे शीतल पेयों के खात्मे के लिए प्रयत्न करेंगे.
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इस नीति में इस बात का संकल्प भी है कि बाल-रोग चिकित्सक स्कूलों से इन मीठे शीतल पेयों के खात्मे के लिए प्रयत्न करेंगे.
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इस नीति में इस बात का संकल्प भी है कि बाल-रोग चिकित्सक स्कूलों से इन मीठे शीतल पेयों के खात्मे के लिए प्रयत्न करेंगे.
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ये आंकड़े केवल गोरखपुर मेडिकल कालेज, बाल-रोग विभाग और मेडिसिन विभाग के हैं जो वहां भर्ती मरीजों के आधार पर तैयार किये गये हैं.
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‘ होप मदर एण्ड चाइल्ड केयर सेन्टर ' के बाल-रोग विशेषज्ञ डा. अजय कुमार का भी कहना है कि सरकारी अस्पतालों में निमोनिया का टीका उपलब्ध नहीं है।
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यदि आपको आशंका है कि आपके बच्चे को बाल स्मारक चिकित्सा केन्द्रों द्वारा विशेष उपचारों की आवश्यकता हो सकती है तो कृपया अपने बच्चे के बाल-रोग चिकित्सक से मिलें।
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गोरखपुर के बाल-रोग विशेषज्ञ डॉ कें. एन. द्विवेदी का कहना है कि: ” पौष्टिक आहार तो जीवन की धुरी है, जैसे पेट्रोल आप कार में डालते हैं।
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जनवरी २००४ में अमेरिकी बाल-रोग अकादमी ने ' स्कूलों में शीतल पेय ' विषयक एक नीति वक्तव्य जारी किया है.अकादमी की शोध-पत्रिका 'पीडियाट्रिक्स' में यह प्रकाशित किया गया है.