परीक्षण के बाद वैज्ञानिकों का यह निश्चित मत है कि बाह्य कर्ण यंत्रों से 20 से लेकर 2000 तक कंपन वाली ध्वनि को सुना जा सकता है।
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बाह्य कर्ण (कान) (External Ear)-बाह्य कर्ण के दो भाग होते हैं-कर्णपाली (बाहरी कान) (auricle of pinna) तथा बाह्य कर्ण कुहर।
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बाह्य कर्ण (कान) (External Ear)-बाह्य कर्ण के दो भाग होते हैं-कर्णपाली (बाहरी कान) (auricle of pinna) तथा बाह्य कर्ण कुहर।
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बाह्य कर्ण (कान) (External Ear)-बाह्य कर्ण के दो भाग होते हैं-कर्णपाली (बाहरी कान) (auricle of pinna) तथा बाह्य कर्ण कुहर।
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बाह्य कर्ण कुहर (external auditory meatus) बाहर कर्णपाली से अंदर टिम्पेनिक मेम्ब्रेन (टिम्पेनिक झिल्ली) या कान का पर्दा (ईयर ड्रम) तक जाने वाली नली होती है।
16.
कान का मैल या कर्णमल (ग्रामीण क्षेत्रों में 'ठेक', 'खोंठ' या खूँट भी कहते हैं), मानव व दूसरे स्तनधारियों की बाह्य कर्ण नाल के भीतर स्रावित होने वाला एक एक पीले रंग का मोमी पदार्थ है।
17.
जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है कि बाह्यकर्ण की कर्णपाली (auricle) ध्वनि तरंगों को जमा करती है और उन्हें बाह्य कर्ण कुहर (external auditory meatus) के द्वारा कान में प्रेषित करती है।
18.
ऊपर के भाग में स्थित उथले गर्त को ट्राइएन्गूलर फोसा (triangular fossa) तथा बाह्य कर्ण कुहर से चिपके हुए गहरे भाग को कोन्चा (concha) कहते हैं एवं कुहर के प्रवेश स्थल के सामने स्थित छोटे से उत्सेघ (प्रक्षेप) (projection) को ट्रैगस (tragus) कहते हैं।