यदि कोई बाह्य क्रिया आपको अपने भीतर में विकल्पों की और बाहर में विविध कृत्रिमताओं तथा जटिलताओं की हेतु होती प्रतीत होती है तो तुरन्त उसके पक्ष को त्यागकर उसमें सुधार कर लेते हैं।
12.
जब हम दान एवं त्याग के अर्थों में अन्तर करते हैं तो दान बाह्य क्रिया का वाचक अधिक है, जबकि ‘ त्याग ' में व्यक्ति की मानसिक स्थिति एवं आंतरिक प्रक्रिया पर बल है।
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और आत्म साधना का पक्ष पीछे छूट गया, पर जो आत्मनिष्ठ साधक थे वे अपनी सुदृढ चारित्रनिष्ठा और संयम साधना के प्रति सचेत रहकर बाह्य क्रिया काण्डों और पूजा प्रतिष्ठानों के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द कर साधुमार्ग की पवित्रता को अक्षुण्ण रखते गये।
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अन्य तीन उदाहरणों में बाह्य क्रिया का विषयी (एक प्राथमिक कण, लोहे की वस्तु, पहाड़) वस्तुगत कारकों के प्रभाव के प्रति एक निश्चित ढ़ंग से अनुक्रिया हे नहीं करता, बल्कि उनके असर से विखंड़ित होकर किसी अन्य वस्तु में परिवर्तित हो जाता है (एक फ़ोटोन, जंग, बालू में) ।
15.
विधाता ने प्रकृति क़ी रचना, उसके संवर्धन एवं नियमन को सुचारू गति देने हेतु जब उसके आवश्यक अंगभूत जड़, जंगम एवं स्थावर को उनकी विविध नैत्यिक एवं निश्चित आतंरिक एवं बाह्य क्रिया कलापों-यथा आचार, व्यवहार, आहार, विहार, विचार, तर्कशक्ति, बौद्धिक क्षमता एवं कल्पना शक्ति को उनकी एक सीमा में मर्यादित किया तो विकार का उत्सर्जन होना सर्वथा स्वाभाविक ही था.