बाह्य वायुमंडल में पहुँच कर जब इनका सामना होता है UV किरणों से तब ये योगिक रसायन टूट कर मुक्त क्लोरिन और ब्रोमिन को स्वतंत्र कर देते हैं.
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इस पूरी प्रक्रिया में UV किरणें बाह्य वायुमंडल में ही शोषित हो जाती हैं और पृथ्वी के जीवनदायी मंडल में पहुँचती हैं, जीव मात्र के लिए गुणकारी सूर्य की किरणें!
13.
बाह्य वायुमंडल के घटते हुए सुरक्षा चक्र से होने वाली हानियों का प्रभाव न सिर्फ मानव मात्र पर होगा, बल्कि जल और थल के जीव जंतु, सारी वनस्पति, ऋतुएँ सब कुछ किसी न किसी रूप में प्रभावित होंगे.
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अत: संयंत्र में ऐसी व्यवस्था होती है कि कक्ष की वायु का चूषण होता रहता है तथा शीतलन अथवा निश्चित ताप पर इस वायु का, अथवा बाह्य वायुमंडल की वायु का, संयंत्र से कक्ष के भीतर मंद गति से (15 से 25 फुट प्रति मिनट) प्रवाह होता रहता है।
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अत: संयंत्र में ऐसी व्यवस्था होती है कि कक्ष की वायु का चूषण होता रहता है तथा शीतलन अथवा निश्चित ताप पर इस वायु का, अथवा बाह्य वायुमंडल की वायु का, संयंत्र से कक्ष के भीतर मंद गति से (15 से 25 फुट प्रति मिनट) प्रवाह होता रहता है।
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अत: संयंत्र में ऐसी व्यवस्था होती है कि कक्ष की वायु का चूषण होता रहता है तथा शीतलन अथवा निश्चित ताप पर इस वायु का, अथवा बाह्य वायुमंडल की वायु का, संयंत्र से कक्ष के भीतर मंद गति से (15 से 25 फुट प्रति मिनट) प्रवाह होता रहता है।