हिमालय के अन्तिम उत्थान के समय मायोजीन काल के अन्तिम भाग से लेकर प्लीस्टोसीनकाल के आरम्भ तक बाह्य हिमालय या शिवालिक श्रेणी का निर्माण हुआ ।
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बिहार के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित रामनगर दून और सोमेश्वर श्रेणी बाह्य हिमालय या शिवालिक श्रेणी का हिस्सा है, जिसका निर्माण टरशियरीकाल के अन्त में हुआ था ।
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बाह्य हिमालय के कुमाऊँ, गढ़वाल, काँगड़ा तथा चंबा आदि में स्लेट पत्थर का खनन किया जाता है तथा इसको घरों की छतों के निर्माणकार्य में प्रयोग किया जाता है।
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अतीत में इस क्षेत्र में जिराफ़ और दरियाई घोड़े जैसे अफ़्रीकी जानवरों की मौजूदगी का पता बाह्य हिमालय के शिवालिक निक्षेप में पाए जाने वाले जीवाश्मों से लगाया जा सकता है।
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शिवालिक पर्वत श्रेणी (इसे चुरिया श्रेणी या बाह्य हिमालय भी कहा जाता है) हिमालय पर्वत का सबसे दक्षिणी तथा भौगोलिक रुप से युवा भाग है जो पश्चिम से पूरब तक फैला हुआ है।